कोर्ट के आदेश की अवहेलना: 19 दिन बाद भी नहीं गई दोषी विधायक की सदस्यता – क्या लोकतंत्र पर संकट के बादल हैं?

देश के संविधान और न्यायपालिका की गरिमा को ठेस पहुँचाने वाली एक गंभीर घटना राजस्थान की राजनीति में देखने को मिल रही है। एक आपराधिक मामले में दोषी ठहराए गए भाजपा विधायक कंवरलाल मीणा की विधानसभा सदस्यता को निरस्त किए जाने का आदेश कोर्ट द्वारा दिया जा चुका है, लेकिन आज 19 दिन बीत जाने के बाद भी विधानसभा अध्यक्ष की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

यह प्रश्न उठता है कि जब न्यायपालिका ने दोष सिद्ध कर दिया है, तो फिर विधायिका की चुप्पी किस ओर इशारा कर रही है? क्या यह लोकतंत्र की आत्मा को कमजोर करने का प्रयास नहीं है?

न्यायपालिका की अनदेखी, संविधान की अवहेलना

भारत का संविधान स्पष्ट करता है कि कोई भी जनप्रतिनिधि अगर आपराधिक मामले में दोषी पाया जाता है और सजा की सीमा तय मानदंडों से अधिक है, तो उसकी सदस्यता स्वतः समाप्त मानी जाएगी। बावजूद इसके, इस प्रकरण में विधानसभा अध्यक्ष द्वारा जानबूझकर विलंब किया जाना कई सवाल खड़े करता है।

राजनीतिक संरक्षण या संवैधानिक उदासीनता?

इस पूरे मामले में यह शंका बलवती होती जा रही है कि कहीं यह देरी राजनीतिक संरक्षण के चलते तो नहीं हो रही? क्योंकि अगर कोई आम नागरिक या विपक्षी विधायक दोषी पाया जाता, तो क्या तब भी यही ढील बरती जाती?

पत्रों की अनदेखी और लोकतांत्रिक मूल्यों का क्षरण

कई बार विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखे जा चुके हैं। लेकिन हर पत्र अनसुना रह गया। यह न केवल सत्ता की संवेदनहीनता को उजागर करता है, बल्कि लोकतंत्र की नींव को भी हिला देने वाला व्यवहार है। क्या अब विधानसभा अध्यक्ष का दायित्व केवल राजनीतिक निष्ठा निभाने तक सिमट गया है?

जनता को जवाब चाहिए

आज जनता जागरूक है और हर उस निर्णय पर नज़र रख रही है जो लोकतंत्र को प्रभावित करता है। विधानसभा अध्यक्ष की जिम्मेदारी केवल सदन चलाना नहीं, बल्कि संविधान और न्याय व्यवस्था का सम्मान बनाए रखना भी है।

निष्कर्ष: लोकतंत्र की रक्षा के लिए उठे आवाज

यह मामला किसी एक विधायक या एक पार्टी का नहीं, बल्कि हमारे संविधान की आत्मा से जुड़ा है। यदि दोषी जनप्रतिनिधियों को संरक्षण मिलेगा, तो आम जनता के लिए न्याय की उम्मीद एक भ्रम बनकर रह जाएगी। अब वक्त है कि विधानसभा अध्यक्ष संविधान की भावना का सम्मान करें और दोषी विधायक की सदस्यता तत्काल प्रभाव से समाप्त करें।



 


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