खैरथल (अलवर) खैरथल क्षेत्र में गर्व और गौरव का माहौल तब बना जब IAS जितेन्द्र कुमार का जाटव समाज और स्थानीय संगठनों ने राजसी अंदाज में स्वागत किया। श्री कृष्ण वाटिका में आयोजित भव्य समारोह में जितेन्द्र कुमार को चांदी का मुकुट पहनाकर सम्मानित किया गया। समारोह में अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) संगठनों के पदाधिकारियों सहित बड़ी संख्या में प्रबुद्धजन और ग्रामीण क्षेत्र से आए लोग उपस्थित रहे।
भव्य स्वागत समारोह में उमड़ा जनसैलाब
खैरथल व आसपास के गाँवों से सैकड़ों लोग इस ऐतिहासिक पल के साक्षी बने। विभिन्न संगठनों और ग्रामीण प्रतिनिधियों ने अपने-अपने तरीके से IAS जितेन्द्र कुमार का सम्मान किया। कार्यक्रम में युवाओं, महिलाओं और बुजुर्गों ने बड़ी उत्सुकता से भाग लिया, जिससे आयोजन एक सामाजिक एकता का जसअद्भुत उदाहरण बन गया।
IAS जितेन्द्र कुमार का प्रेरक संदेश: "यह मेरी नहीं, हम सबकी कामयाबी है"
अपने संबोधन में जितेन्द्र कुमार ने कहा,
"यह सफलता सिर्फ मेरी नहीं है, यह हम सभी की सामूहिक उपलब्धि है। मैंने यह कठिन राह इसलिए चुनी ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधाएं, महिला सशक्तिकरण और टीबी जैसी गंभीर बीमारियों के खिलाफ प्रभावी कार्य कर सकूं।"
उन्होंने आगे कहा कि वे अपनी जन्मभूमि खैरथल-तिजारा और अलवर जिले को सर्वोच्च स्थान देते हुए पूरी निष्ठा से सेवा करेंगे।
समाज के प्रबुद्धजनों ने भी दी प्रेरणा
समारोह में कई विशिष्ट व्यक्तित्वों ने भी अपने विचार साझा किए:
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डॉ. संदीप वर्मा, संस्थापक T32 डेंटल हॉस्पिटल, भिवाड़ी, जिन्होंने हाल ही में "मानवीय सेवा एवं प्रोफेशनल उत्कृष्टता" के लिए अवार्ड प्राप्त किया है, ने भी अपने संघर्षों और उपलब्धियों की कहानी साझा करते हुए युवाओं को आत्मनिर्भर बनने की प्रेरणा दी।
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मजदूर विकास फाउंडेशन के संस्थापक और प्रगति न्यूज के संपादक ताराचंद खोयड़ावाल व उनकी टीम मदन लाल वर्मा,डॉ. टेकचन्द,किशन सांवरिया पार्षद प्रतिनिधि मुण्डावर,सुरेश कुमार,लक्ष्मण सिंह जाटव आदि ने बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की तस्वीर भेंट कर स्वागत किया। अपने संबोधन में उन्होंने युवाओं से नशामुक्ति की अपील करते हुए कहा:
"युवाओं को नशे से बचाना आज के समय की सबसे बड़ी जरूरत है। युवा ही देश का भविष्य हैं, इसलिए हम सबकी जिम्मेदारी है कि उन्हें सकारात्मक दिशा दें।"
उन्होंने तंबाकू नियंत्रण कानून (COTPA) के प्रावधानों की भी जानकारी दी और उनके कड़ाई से पालन की अपील की।
क्यों है IAS जितेन्द्र कुमार की सफलता प्रेरणादायक?
- ग्रामीण पृष्ठभूमि से निकलकर UPSC जैसी कठिन परीक्षा को पास करना।
- सामाजिक मुद्दों पर संवेदनशील दृष्टिकोण।
- क्षेत्रीय विकास के लिए समर्पित विजन।
- युवाओं के लिए आदर्श बनने की पहल।
इन सभी पहलुओं ने जितेन्द्र कुमार को एक रोल मॉडल के रूप में स्थापित किया है।
IAS जितेन्द्र कुमार का खैरथल में हुआ यह स्वागत समारोह न केवल एक व्यक्तिगत उपलब्धि का उत्सव था, बल्कि यह सामाजिक बदलाव, शिक्षा और समानता के नए युग का भी प्रतीक बनकर सामने आया।
उनकी सफलता ने यह संदेश दिया कि कड़ी मेहनत, लक्ष्य के प्रति समर्पण और सामाजिक सरोकारों की भावना से कोई भी ऊंचाई पाई जा सकती है।
समाज को नई दिशा देने के इस प्रयास में जितेन्द्र कुमार जैसे युवा अधिकारियों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है।











