होडल-पलवल में दलित परिवार पर जानलेवा हमला: अपराधियों को पुलिस का संरक्षण, पीड़ित परिवार भयभीत

घटना का विवरण

हरियाणा के होडल-पलवल जिले के भिडूकी गांव में एक दलित परिवार पर बेरहमी से हमला किए जाने का मामला सामने आया है। पीड़ित अशोक कुमार और उनके परिवार पर 8 और 9 फरवरी 2025 को जानलेवा हमला किया गया। इस घटना ने क्षेत्र में तनाव का माहौल पैदा कर दिया है।


पीड़ित परिवार का आरोप है कि पुलिस अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय उन्हें संरक्षण दे रही है। यही नहीं, पुलिस द्वारा उल्टा पीड़ितों पर राजीनामा करने का दबाव बनाया जा रहा है। इस कारण परिवार भयभीत है और अपनी जान बचाने के लिए सामाजिक संगठनों से सहायता मांग रहा है।


पुलिस की निष्क्रियता और अपराधियों को संरक्षण

पीड़ित अशोक कुमार ने फोन पर बातचीत के दौरान मजदूर विकास फाउंडेशन के प्रतिनिधि: ताराचन्द खोयड़ावाल को बताया कि अपराधी जाट समुदाय से ताल्लुक रखते हैं, जो अक्सर हथियारों से लैस होकर क्षेत्र में आतंक मचाते हैं। यह कोई पहली घटना नहीं है, बल्कि अपराधी लगातार दलित परिवारों को डराने और धमकाने का काम करते हैं।


घटना के बाद से ही पीड़ित परिवार दहशत में है। पुलिस की निष्क्रियता के कारण अपराधी खुलेआम घूम रहे हैं, जिससे उनका मनोबल और बढ़ गया है। पीड़ित परिवार ने पुलिस से सुरक्षा की मांग की, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।


पीड़ित परिवार की गुहार: सुरक्षा और न्याय की मांग

पीड़ित परिवार ने प्रशासन और सामाजिक संगठनों से तत्काल सुरक्षा और न्याय दिलाने की अपील की है। उन्होंने कहा कि अगर जल्द ही दोषियों की गिरफ्तारी नहीं होती है और उन्हें सुरक्षा नहीं दी जाती, तो वे अपने जीवन को लेकर और अधिक असुरक्षित महसूस करेंगे।


अशोक कुमार ने बताया कि पुलिस की मिलीभगत से अपराधियों को बचाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि अगर प्रशासन और सरकार ने इस मामले में गंभीरता नहीं दिखाई, तो दलित समुदाय के लोगों के लिए हालात और खराब हो सकते हैं।


सामाजिक संगठनों और प्रशासन से न्याय की अपील

अब यह मामला सिर्फ भिडूकी गांव का नहीं, बल्कि पूरे क्षेत्र के दलित समुदाय की सुरक्षा से जुड़ा मुद्दा बन गया है। सामाजिक संगठनों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने इस घटना की कड़ी निंदा की है और सरकार से सख्त कार्रवाई करने की मांग की है।


मांगें:

  1. अपराधियों की तुरंत गिरफ्तारी हो और उन पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए।
  2. पीड़ित परिवार को पुलिस सुरक्षा प्रदान की जाए ताकि वे सुरक्षित रह सकें।
  3. इस मामले की निष्पक्ष जांच हो और दोषी पुलिसकर्मियों पर भी कार्रवाई की जाए।
  4. सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि दलित समुदाय के लोगों को भयमुक्त माहौल मिले और वे बिना किसी डर के जीवन जी सकें।



होडल-पलवल जिले की यह घटना एक बार फिर साबित करती है कि दलितों के खिलाफ हिंसा और भेदभाव आज भी समाज में गहराई से मौजूद है। अगर प्रशासन समय रहते न्याय नहीं दिलाता, तो यह घटना एक बड़े सामाजिक आक्रोश को जन्म दे सकती है।


अब देखना यह है कि सरकार और प्रशासन पीड़ित परिवार की आवाज सुनते हैं या फिर अपराधियों को इसी तरह खुली छूट मिलती रहेगी।

 


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