अस्पतालों में मुसलमानों के लिए अलग विंग की मांग पर विवाद


उत्तर प्रदेश के बलिया जिले की बांसडीह विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक केतकी सिंह ने हाल ही में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से एक विवादास्पद मांग की है। उन्होंने बलिया में प्रस्तावित मेडिकल कॉलेज में मुसलमानों के लिए एक अलग विंग बनाने की अपील की है।

क्या कहा भाजपा विधायक ने?

विधायक केतकी सिंह ने अपने बयान में कहा कि त्योहारों, खासकर होली और रामनवमी के दौरान मुसलमानों को परेशानी होती है। इसलिए, उनके लिए एक अलग चिकित्सा सुविधा (अस्पताल विंग) बनाई जानी चाहिए। उनका दावा है कि इससे हिंदू समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित होगी और किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सकेगा।

बयान पर राजनीतिक विवाद

विधायक के इस बयान के बाद राजनीतिक हलकों में विवाद छिड़ गया है। विपक्षी दलों ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है और भाजपा से स्पष्ट जवाब की मांग की है।

  • समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस ने इस बयान को असंवैधानिक और सांप्रदायिक बताया।
  • बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने इसे समाज को बांटने वाली राजनीति करार दिया।
  • कुछ मुस्लिम संगठनों ने इस बयान की निंदा करते हुए कहा कि स्वास्थ्य सेवा धर्म के आधार पर नहीं बंटी होनी चाहिए।

भाजपा का रुख

भाजपा के कुछ नेताओं ने इस बयान से दूरी बनाते हुए कहा कि पार्टी की नीतियां समावेशी हैं और सभी धर्मों को समान अवसर मिलना चाहिए। हालांकि, भाजपा की ओर से इस पर आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।

क्या कहता है कानून?

भारत का संविधान धर्मनिरपेक्षता की बात करता है, जिसके तहत किसी भी सरकारी संस्थान, विशेष रूप से चिकित्सा सुविधाओं में, धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं किया जा सकता।

  • संविधान का अनुच्छेद 14 समानता के अधिकार की बात करता है।
  • अनुच्छेद 15(1) धर्म, जाति, लिंग आदि के आधार पर भेदभाव को प्रतिबंधित करता है।

नोट:- 

यह बयान न केवल संवैधानिक मूल्यों के खिलाफ जाता है, बल्कि समाज में धार्मिक आधार पर विभाजन को भी बढ़ावा दे सकता है। स्वास्थ्य सेवाओं को धर्म के आधार पर बांटना एक खतरनाक मिसाल कायम कर सकता है। ऐसे में देखना होगा कि भाजपा इस मुद्दे पर क्या रुख अपनाती है और सरकार की ओर से इस पर क्या प्रतिक्रिया आती है।

 


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