जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रीकरण अधिनियम 1969 के संशोधित नियमों के अनुसार, राजस्थान में जन्म और मृत्यु के पंजीकरण की प्रक्रिया में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं।


जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रीकरण अधिनियम 1969 के संशोधित नियमों के अनुसार, राजस्थान में जन्म और मृत्यु के पंजीकरण की प्रक्रिया में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं।


यहाँ कुछ प्रमुख संशोधन दिए गए हैं:

अनुज्ञा जारी करने की प्रक्रिया: ग्रामीण क्षेत्रों में, जन्म और मृत्यु की 30 दिवस के पश्चात 1 वर्ष के भीतर की घटना हेतु अनुज्ञा ब्लॉक सांख्यिकी अधिकारी द्वारा जारी की जाएगी।

विलम्ब शुल्क: यदि घटना की सूचना 21 दिवस पश्चात परंतु 30 दिवस के भीतर रजिस्ट्रार को दी जाती है, तो 20 रूपये विलम्ब शुल्क देय होगा। यदि घटना की सूचना 30 दिवस पश्चात परंतु वर्ष के भीतर दी जाती है, तो 50 रूपये विलम्ब शुल्क देय होगा तथा घटना की सूचना 1 वर्ष पश्चात दिए जाने पर 100 रूपये विलम्ब शुल्क देय होगा।

पेनल्टी: चिकित्सा संस्थानों के द्वारा जन्म-मृत्यु पंजीयन में 21 दिवस सें अधिक विलम्ब किये जाने पर अथवा सूचना समय पर नही देने पर पूर्व में 50 रूपये की पेनल्टी का प्रावधान था, जिसे बढाकर अब 250 रूपये एवं अधिकतम 1000 रूपये की पेनल्टी का प्रावधान किया गया है।

नोटरी सत्यापन: जन्म-मृत्यु के विलम्बित रजिस्ट्रीकरण में नोटरी सत्यापन को समाप्त किया गया है।

अपील: यदि प्रार्थी रजिस्ट्रार, जिला रजिस्ट्रार से संतुष्ट नही हैं तो उच्च स्तर पर अपील कर सकता हैं।

उक्त अधिसूचना राजस्थान के राजपत्र में प्रकाशन की तारीख 07.02.2025 से लागू हो गयी है।

इन संशोधनों का उद्देश्य जन्म और मृत्यु के पंजीकरण की प्रक्रिया को अधिक सुव्यवस्थित और पारदर्शी बनाना है।

 


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