नए क्रिमिनल लॉ में मॉब लिंचिंग पर अलग से कानून, हो सकती है फांसी तक की सजा: New Criminal Law

नए क्रिमिनल लॉ में मॉब लिंचिंग पर अलग से कानून, हो सकती है फांसी तक की सजा: New Criminal Law


1 जुलाई 2024 से लागू हुए भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), 2023 में मॉब लिंचिंग के खिलाफ सख्त प्रावधान शामिल किए गए हैं। पहले, भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) में मॉब लिंचिंग के लिए कोई विशिष्ट कानून नहीं था। अब, बीएनएस की धारा 103(2) के तहत, यदि पाँच या अधिक व्यक्तियों का समूह नस्ल, जाति, समुदाय, लिंग, जन्म स्थान, भाषा, व्यक्तिगत विश्वास या किसी अन्य समान आधार पर किसी व्यक्ति की हत्या करता है, तो ऐसे प्रत्येक सदस्य को मृत्युदंड या आजीवन कारावास और अर्थदंड का प्रावधान है। 


IPC में अलग से नहीं था कोई कानून। धारा 302 के तहत ही दर्ज होता था हत्या का मामला।


इसके अतिरिक्त, बीएनएस की धारा 117(4) में प्रावधान है कि यदि पाँच या अधिक व्यक्तियों का समूह उपरोक्त आधारों पर किसी व्यक्ति को गंभीर चोट पहुँचाता है, तो प्रत्येक सदस्य को सात वर्ष तक के कारावास और अर्थदंड का सामना करना पड़ेगा। 


इन प्रावधानों के माध्यम से मॉब लिंचिंग के मामलों में सख्त सजा सुनिश्चित की गई है, जो पहले के कानूनों में अनुपस्थित थी।

 


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