जलझूलनी एकादशी पर निकले ठाकुर जी के हिंडोले


जलझूलनी एकादशी पर निकले ठाकुर जी के हिंडोले

प्रगति न्यूज़ संवाददाता देवराज मीणा, मुंडावर

सोडावास कस्बे सहित आसपास के गांवों में बुधवार को जलझूलनी एकादशी का पर्व श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया गया।

इस अवसर पर सोडावास ठाकुर जी मंदिर, भानोत गांव का ठाकुर जी मंदिर, हटुंडी का सीताराम मंदिर, चिरूनी, छापुर, पदमाड़ा, करनिकोट, सरूपसराय, राजवाड़ा, पिपली और जीवनसिंहपुरा सहित कई गांवों में मंदिरों को विशेष रूप से सजाया गया तथा ठाकुर जी के हिंडोले निकाले गए।

श्रद्धालुओं ने शोभायात्रा में भाग लेकर ठाकुर जी की परिक्रमा की और मंगलकामना की। जगह-जगह सहयोग व स्वागत की व्यवस्था रही। युवामंडलों और सामाजिक संस्थाओं ने भी शोभायात्रा में सहयोग कर सामाजिक एकजुटता का परिचय दिया।

भानोत गांव में ठाकुर जी का मेला भरा, जिसमें ग्रामीणों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। मंदिर पुजारी राजेश कौशिक, गुड्डू व प्रदीप कौशिक ने बताया कि भाद्रपद शुक्ल पक्ष की एकादशी को जलझूलनी या परिवर्तनी एकादशी कहा जाता है। मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु शयनावस्था से करवट बदलते हैं और ठाकुर जी को जल में झुलाने तथा हिंडोले निकालने की परंपरा इसी मान्यता से जुड़ी है।

व्रत-पूजन से सुख-समृद्धि, परिवार की मंगलकामना और कष्टों से मुक्ति प्राप्त होती है। सोडावास मंदिर पुजारी सोमदत्त तिवाड़ी ने बताया कि इस बार एकादशी बुधवार को पड़ने से इसका महत्व और बढ़ गया है, क्योंकि इससे विष्णुजी की कृपा के साथ गणेशजी की आराधना का पुण्य भी प्राप्त होता है।

📷 सोडावास: भानोत गांव के ठाकुर जी मंदिर में हिंडोला सजाते पुजारी।

खैरथल में भी निकाली शोभायात्रा

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