तेलंगाना – सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को एक अहम फैसला सुनाते हुए तेलंगाना के चार शिशुओं की हिरासत उनके दत्तक माता-पिता को सौंपने का आदेश दिया। अदालत ने कहा कि बच्चों के कल्याण और भावनात्मक सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
यह मामला तब सामने आया जब चारों बच्चों को बाल कल्याण समिति की देखरेख में रखा गया था। तेलंगाना हाई कोर्ट ने पहले आदेश दिया था कि इन बच्चों को दत्तक माता-पिता से अलग कर दिया जाए। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस आदेश को रद्द करते हुए स्पष्ट किया कि बच्चों को उनके दत्तक परिवार से अलग करना उनके सर्वोत्तम हित में नहीं है।
न्यायालय ने संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत यह फैसला दिया, जो अदालत को किसी मामले में पूर्ण न्याय करने की शक्ति देता है। जजों ने कहा कि बच्चों को स्थिर और सुरक्षित पारिवारिक माहौल मिलना जरूरी है, जिससे उनका मानसिक और भावनात्मक विकास बेहतर हो सके।
यह फैसला उन सभी मामलों के लिए मिसाल बनेगा, जिनमें दत्तक बच्चों की हिरासत और उनके भविष्य को लेकर विवाद होता है। सुप्रीम कोर्ट का यह रुख स्पष्ट करता है कि कानून में बच्चों की भलाई सबसे पहले आती है।