इन नेताओं ने न सिर्फ रैली में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई, बल्कि संघर्ष समिति के संकल्प और उद्देश्य के प्रति एकजुटता भी दिखाई। सभा में मौजूद लोगों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया और उनके समर्थन को आंदोलन की ताकत बताया।
रैली में वक्ताओं ने स्पष्ट किया कि खैरथल मुख्यालय बचाव संघर्ष केवल एक क्षेत्रीय मुद्दा नहीं, बल्कि सम्मान और अधिकार की लड़ाई है। जाटव समाज का यह समर्थन आंदोलन में नई ऊर्जा और मजबूती लेकर आया है।
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि विभिन्न वर्गों और समाजों का साथ मिलना इस संघर्ष की सफलता की दिशा में एक बड़ा कदम है।