इस अवसर पर श्री जगदीश पंच, बेगराज पंच, रामस्वरूप ट्रेलर, हुकमचंद मिस्त्री, साधुराम छावड़ी, खेमचंद, मनोज अध्यापक, संतराम भड़ाना अध्यापक, प्रेमचंद, रविंद्र होलदार, जयलाल अध्यापक, दीपक अध्यापक, सोनू कटारिया, बिजेंद्र, जयसिंह, पवन गुर्जर, गजेंद्र रंगा (DP), होशियार छावड़ी (सरपंच प्रतिनिधि) सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
अपने उद्बोधन में चंद्रभान गुर्जर ने कहा कि “प्रतिभा किसी जाति या वर्ग की मोहताज नहीं होती। मेहनत, लगन और धैर्य ही सफलता की कुंजी हैं।” उन्होंने युवाओं से प्रेरणा लेने का आह्वान करते हुए कहा कि “फूल यूं ही नहीं खिलते, बीज को पहले धरती में दफन होना पड़ता है; सफलता पाने के लिए नींद, सुख और चैन का त्याग करना पड़ता है।”
गांव की इस बड़ी सफलता से समूचे क्षेत्र में हर्ष का वातावरण है। ग्रामीणों ने इसे प्रेरणादायक क्षण बताते हुए कहा कि चंद्रभान गुर्जर की यह उपलब्धि पूरे गांव और समाज के लिए गौरव का विषय है।
