अलवर, 13 सितम्बर, दलित अधिकार केंद्र के तत्वावधान में अग्रवाल धर्मशाला, अलवर में सुरक्षात्मक प्रावधानों एवं पोस एक्ट पर एक दिवसीय जिला स्तरीय क्षमतावर्धन प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया गया।
शिविर का शुभारंभ जिला समन्वयक शैलेष गौतम ने किया। उन्होंने कार्यक्रम के उद्देश्यों और केंद्र की गतिविधियों पर प्रकाश डाला। मुख्य कार्यकारी एडवोकेट हेमंत मीमरोठ ने दलित समुदाय पर हो रहे अत्याचार, भूमि विवाद, महिलाओं एवं बच्चों पर बढ़ते अपराध और पीसीआर एक्ट जैसे संवैधानिक प्रावधानों पर विस्तृत चर्चा की।
एडवोकेट सुनीता बैरवा ने घरेलू हिंसा से पीड़ित महिलाओं के लिए पुलिस सुरक्षा केंद्र और हेल्पलाइन सेवाओं की जानकारी दी। सहायक निदेशक एडवोकेट चन्दालाल बैरवा ने पोस कानून की पृष्ठभूमि व प्रावधानों पर प्रकाश डालते हुए सभी संस्थानों में आंतरिक शिकायत समिति गठित करने की आवश्यकता बताई।
राज्य समन्वयक पलाश ने महिलाओं के शिक्षित होने को उनके अधिकारों की जानकारी व सशक्तिकरण का आधार बताया। सामाजिक कार्यकर्ता श्यामलाल जाजोरिया ने मानवाधिकार रक्षक बनने की प्रक्रिया समझाई। दलित महिला मंच की सुशीला रानी ने संगठन की भूमिका को रेखांकित किया, जबकि एडवोकेट प्रकाश चंद सागर ने एससी/एसटी एक्ट, पोस्को व घरेलू हिंसा से संरक्षण अधिनियम जैसे प्रावधानों को समझाया।
शिविर में शंकर लाल बौद्ध, शेर सिंह बौद्ध, एडवोकेट निशा खेहरा, एडवोकेट नेहा घावरी, कमला, शकुंतला, राजेंद्र, रामचरण, मातादीन, लक्ष्मीनारायण, चैनसुख सहित कई सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी अपने विचार रखे।

