वीरांगना कालिबाई भील के बलिदान को पाठ्यक्रम से हटाना आदिवासी समाज का अपमान : टीकाराम जूली

वीरांगना कालिबाई भील के बलिदान को पाठ्यक्रम से हटाना आदिवासी समाज का अपमान : टीकाराम जूली
जयपुर, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि वीरांगना कालिबाई भील ने आज़ादी से पहले शिक्षा और गुरु के सम्मान के लिए अपने प्राण न्योछावर कर इतिहास में अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत किया। उनकी यह अमर गाथा हर पीढ़ी के लिए प्रेरणा है, लेकिन भाजपा सरकार ने पाठ्यक्रम से कालिबाई के बलिदान को हटाकर न केवल आदिवासी समाज का अपमान किया है, बल्कि प्रदेश और देश की अस्मिता के साथ खुला खिलवाड़ किया है।

जूली ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने ‘कालिबाई भील मेधावी छात्रा स्कूटी योजना’ शुरू कर उनके त्याग और बलिदान को सम्मान देने का कार्य किया था, लेकिन वर्तमान भाजपा सरकार शिक्षा व्यवस्था को तहस-नहस कर रही है। आज स्कूल जर्जर हालत में हैं, न संसाधन हैं, न शिक्षक। छात्रवृत्ति डेढ़ साल से बंद है, अंग्रेज़ी माध्यम के स्कूलों को समीक्षा के नाम पर बंद किया जा रहा है और अब आदिवासी, दलित व पिछड़े समाज के गौरवशाली इतिहास को मिटाने का षड्यंत्र रचा जा रहा है।

उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार लगातार शिक्षा विभाग की योजनाओं के बजट में कटौती कर रही है और प्रदेश के युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ कर रही है।

नेता प्रतिपक्ष ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से मांग की कि शिक्षा विभाग के मंत्री को तत्काल पद से हटाया जाए और वीरांगना कालिबाई भील की अमर गाथा को पुनः पाठ्यक्रम में शामिल करवाया जाए।

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