जयपुर, 12 अगस्त 2025:- दुनिया 19 जनवरी 2038 को एक बड़े तकनीकी संकट का सामना कर सकती है, जिसे तकनीकी जगत में "Year 2038 Problem" या "2038 टाइम बग" के नाम से जाना जाता है। यह समस्या खास तौर पर उन कंप्यूटर सिस्टम्स में आएगी जो 32-बिट यूनिक्स टाइम फॉर्मेट का इस्तेमाल करते हैं।
क्या है 2038 बग?
यूनिक्स टाइम फॉर्मेट में समय को 1 जनवरी 1970 से सेकंड में गिनकर स्टोर किया जाता है। 32-बिट सिस्टम इस सेकंड काउंट को केवल 2,147,483,647 (अधिकतम वैल्यू) तक स्टोर कर सकते हैं।
19 जनवरी 2038 को रात 3:14:07 बजे (UTC) यह काउंट अपने अधिकतम मान तक पहुंच जाएगा। इसके बाद सिस्टम का टाइम वैल्यू नेगेटिव हो जाएगा और तारीख 13 दिसंबर 1901 दिखाने लगेगी।
संभावित खतरे
- बैंकिंग सर्वर और ATM मशीनें गड़बड़ा सकती हैं।
- एयरपोर्ट, रेलवे और ट्रांसपोर्ट कंट्रोल सिस्टम में टाइमिंग एरर से सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं।
- पुरानी इंडस्ट्रियल मशीनें और मेडिकल डिवाइस गलत समय दिखाकर काम करना बंद कर सकती हैं।
- पुराने मोबाइल फोन, नेटवर्क राउटर, CCTV सिस्टम और एम्बेडेड डिवाइस क्रैश हो सकते हैं।
- डेटाबेस और सिक्योरिटी सिस्टम गलत लॉग और ट्रांजैक्शन रिकॉर्ड कर सकते हैं।
कौन से डिवाइस सबसे ज्यादा रिस्क में?
- पुराने 32-बिट सर्वर और कंप्यूटर
- 2010 से पहले बने कई राउटर और स्विच
- पुराने POS मशीन और ATM
- इंडस्ट्रियल कंट्रोल सिस्टम जो अपग्रेड नहीं हुए
- पुराने मोबाइल और IoT डिवाइस जो अपडेट सपोर्ट नहीं करते
विशेषज्ञ क्या कहते हैं?
टेक विशेषज्ञों के अनुसार, इस संकट से बचने का सबसे आसान तरीका है सिस्टम और सॉफ्टवेयर को 64-बिट आर्किटेक्चर में अपग्रेड करना। 64-बिट सिस्टम 292 अरब साल तक सेकंड काउंट संभाल सकते हैं, इसलिए निकट भविष्य में ऐसी समस्या नहीं होगी।
क्या होगा अगर अपग्रेड नहीं किया?
अगर समय रहते पुराने 32-बिट सिस्टम को अपग्रेड नहीं किया गया तो 2038 के बाद
- सिस्टम क्रैश
- डेटा करप्शन
- गलत ट्रांजैक्शन
- सिक्योरिटी खामियां जैसी गंभीर समस्याएं आ सकती हैं।
2038 का टाइम बग सुनने में भले ही दूर की बात लगे, लेकिन टेक्नोलॉजी की दुनिया में 13 साल काफी कम समय है। पुराने सिस्टम का समय रहते अपग्रेड करना जरूरी है, वरना यह बग 2000 के Y2K संकट की तरह ही, लेकिन उससे ज्यादा गंभीर साबित हो सकता है।