मुंडावर में दो मोरों की करंट से मौत, लापरवाही से लुप्त हो रहे हैं हमारे राष्ट्रीय प्रतीक

मुंडावर, रिपोर्टिंग किशन सांवरिया, 1 जून — प्रकृति की सुंदरता और भारतीय संस्कृति के गौरव राष्ट्रीय पक्षी मोर की दर्दनाक मौत ने एक बार फिर से बिजली विभाग की लापरवाही को उजागर कर दिया है। मुंडावर तहसील कार्यालय के पास लगे ट्रांसफार्मर की खुली तारों से करंट लगने के कारण दो मोरों की जान चली गई।

पहली घटना रविवार शाम करीब 7 बजे की है जब एक मोर उड़कर ट्रांसफारमर के तारों के संपर्क में आया और उसकी मौके पर ही मौत हो गई। स्थानीय लोगों ने बताया कि इससे पहले भी लगभग तीन-चार दिन पूर्व एक और मोर इसी क्षेत्र में मृत मिला था, जिसकी मौत का कारण भी करंट ही बताया जा रहा है।

घटना की जानकारी मिलते ही नगरवासियों ने वन विभाग को सूचित किया, जिस पर विभागीय टीम मौके पर पहुंची और दोनों मृत मोरों को अपने कब्जे में लेकर आवश्यक कार्रवाई शुरू की।

नगरवासियों का कहना है कि तहसील कार्यालय के आस-पास लगे ट्रांसफार्मर पूरी तरह असुरक्षित हैं। न केवल पशु-पक्षियों के लिए बल्कि आम नागरिकों के लिए भी खतरा बने हुए हैं। खुले तार और बिना सुरक्षा उपकरणों के लगे ट्रांसफार्मर किसी भी समय बड़ा हादसा कर सकते हैं।

"यह सिर्फ मोर की मौत नहीं, हमारी चेतना की मौत है", यह कहते हुए सोनू गुर्जर, चमन चंदेला, लोकेश गुर्जर, किशन सांवरिया प्रतिनिधि पार्षद, खेमचंद गोठवाल और अन्य ग्रामीणों ने ट्रांसफार्मर पर इंसुलेटेड तार लगाने और सुरक्षा मानकों के पालन की मांग की।

नगरवासियों ने चेताया कि यदि जल्द ही आवश्यक कदम नहीं उठाए गए तो वे जन आंदोलन करने को मजबूर होंगे।

वन्यजीव सुरक्षा अधिनियम के तहत मोर की हत्या दंडनीय अपराध है, ऐसे में बिजली विभाग की लापरवाही कहीं न कहीं कानून के उल्लंघन की श्रेणी में भी आ सकती है।

अब देखना यह है कि प्रशासन इस चेतावनी को गंभीरता से लेता है या फिर अगली घटना किसी और मासूम प्राणी की जान लेकर हमें फिर जगाएगी।



 


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