Success Story: 18 साल की उम्र में छोड़ा कॉलेज, सड़कों पर बेचे सिम कार्ड, आज हैं 8000 करोड़ की कंपनी के मालिक
रितेश अग्रवाल ने अपनी मेहनत और लगन से जो किया वह आज सबके सामने है। ओयो रूम्स के फाउंडर रितेश अग्रवाल कभी सड़कों पर सिम कार्ड बेचा करते थे। आज वह करोड़पति हैं। दुनिया के 80 देशों के 800 शहरों में रितेश का होटल कारोबार है और उनकी नेटवर्थ करीब 1.1 अरब डॉलर है।
अगर खुद पर भरोसा हो और कुछ कर गुजरने का जज्बा तो बड़ी से बड़ी सफलता हासिल की जा सकती है। कहते हैं किस्मत भी उनपर मेहरबान होती है, जिनके हौसलों में जान होती है। ऐसा ही कुछ कर दिखाया है हॉस्पिटैलिटी चेन ओयो रूम्स (OYO Rooms) के फाउंडर रितेश अग्रवाल (Ritesh Agarawal) ने। महज कुछ साल पहले तक दिल्ली की सड़कों पर सिम कार्ड बेचने वाला एक लड़का आज दुनिया के सबसे यंग बिलेनियर की लिस्ट में शामिल है। रितेश ने अपनी मेहनत और लगन से जो किया वह आज सबके सामने है। आज दुनिया के 80 देशों के 800 शहरों में रितेश का होटल कारोबार है और छोटी-सी उम्र में 8000 करोड़ों की कंपनी के मालिक बन चुके हैं। आईए आपको बताते हैं रितेश ने जिंदगी में इतनी सफलता कैसे हासिल की।
मारवाड़ी परिवार में हुआ जन्म
रितेश अग्रवाल का जन्म 16 नवंबर 1993 को उड़ीसा के कटक के बिसम में साधारण मारवाड़ी परिवार में हुआ था। रितेश के माता - पिता चाहते थे कि उनका बेटा अच्छी एजुकेशन हासिल करे। लेकिन अपने माता-पिता के सपने के उलट रितेश एंटरप्रेन्योर (Entrepreneur) बनाने का सपना देख रहे थे। रितेश आगे की पढ़ाई के लिए दिल्ली चले गए। दिल्ली में रितेश ने इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस अकादमी में एडमिशन लिया, लेकिन उनके दिमाग में कुछ और ही चल रहा था और उन्होंने बीच में ही पढ़ाई छोड़ दी। घरवालों ने आईआईटी एंट्रेंस की तैयारी के लिए कोटा भेजा, लेकिन रितेश का मन वहां नहीं लगता था।
सड़कों पर बेचे सिम कार्ड
रितेश ने साल 2012 में ओरावेल स्टेज नाम का स्टार्टअप शुरू कर दिया। लेकिन ये काम उनका नहीं चला। इसमें भारी नुकसान हुआ। वो लौटकर दिल्ली आ गए। उनके पास पैसे बचे नहीं थे। जेब में सिर्फ 30 रुपये बचे थे। बिजनेस का भूत तो पहले से ही सवार था, इसलिए जब कुछ नहीं सूझा तो सड़कों पर घूम-घूम कर सिम कार्ड बेचने लगे।
ऐसे की ओयो की शुरुआत
रितेश को शुरु से ही घूमने का काफी ज्यादा शौक था। उन्हें जब भी पढ़ाई से समय मिलता वो घूमने के लिए निकल जाते थे। साल 2009 में रितेश देहरादून और मसूरी गए। रितेश वहां की सुंदरता देख कर मंत्रमुग्ध हो गए। रितेश ने यहां पहुंचकर महसूस किया कि देश में ऐसी कई बेहद ही खूबसूरत जगहें हैं,जिनसे लोग अनजान हैं। उन्हें लगा कि लोगों को ऐसी जगहों के बारे में बताना चाहिए। इसके बाद रितेश ने एक ऑनलाइन सोशल कम्युनिटी बनाने का विचार किया। जहां एक ही प्लेटफार्म पर हर तरह की सुविधाए लोगों को किफायती दाम पर मुहैया करवाई जा सके। जिससे लोगों को आसानी हो और वो नई जगहों पर भी घूम सकें। यहीं से रितेश को अपने भविष्य का बिज़नेस मिल गया था।
करोड़ों में है नेटवर्थ
साल 2013 में रितेश को थिएल फेलोशिप के लिए चुना गया, जिससे उन्हें करीब 75 लाख रुपए मिलने थे। उन्होंने इन्हीं पैसों से OYO रूम्स की शुरूआत कर दी। इससे पहले उन्होंने लंबा रिसर्च किया। अपनी कंपनी का नाम उन्होंने OREVAL Stays रखा। इस प्लेटफॉर्म की मदद से वो किफायती दरों पर, आसानी से होटल बुकिंग की सुविधा उपलब्ध करवाते थे। रितेश अग्रवाल की संपत्ति की बात करें तो उनका नेटवर्थ 1.1 अरब डॉलर यानी करीब 7253 करोड़ रुपये है। ओयों की गिनती तेजी से बढ़ते बिजनस में हो रही है। देश के अलावा विदेशों में इसका नेटवर्थ फैल रहा है।